Tuesday, May 28, 2013

देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब


आज मैं अपने आफ़िस से कुछ जल्दी ही घर चला गयावहाँ भी बिजली गुल थी। मेरी कालोनी गोमती नगर में तेज हवाओं के साथ बारिश होने के कारण बिजली फेल हो गई थी। लगभग सभी लोग अपने-घरों से बाहर निकल कर एक दूसरे से बातें कर रहे थेउमस और गर्मी बहुत ज्यादा थी। सभी के बच्चे सड़क पर धमाचौकड़ी मचा रहे थे। हमारे घर वाले भी बाहर खड़े हो कर पड़ोसियों से बातें कर रहे थे। मैं भी अपनी बाइक घर के बाहर ही खड़ी करके ठीक बगल वाली मस्त भाभी जी से बतियाने लगा जोकि हाल ही में दिल्ली से लखनऊ आई थीं और हमारे परिवार से अच्छी जान पहचान हो गई थी।
मैंने ही सुरेश को अपने ठीक बगल वाले मकान किराये पर दिलवा दिया था। उनके परिवार में सिर्फ तीन सदस्य थेसुरेश माथुर उम्र लगभग 40-45 साल, 5'8"कदसांवला रंग और साधारण बदनउनकी पत्नी राधा और सुरेश की बहन किरण।
इस वक्त राधा भाभी साड़ी ब्लाउज में गजब की सुन्दर लग रही थीवो लगभग28-30 वर्ष की थी उनका गोरा रंगलम्बा कद लगभग 5'5", तीखे नयन-नक्श,उनकी बड़ी-चूचियाँ जो कि गहरे गले के ब्लाउज से बाहर आने के लिए बेकरार थी। अधिक गर्मी की वजह से शायद उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी थी। उनकी तनाकृति तकरीबन 36-30-36 होगीकुल मिला कर मॉडल लगती थी।
और 20-22 वर्ष की सुरेश की बहन किरण जोकि एम बी ए में एड्मीशन लेने के लिये तैयारी कर रही थी। इन तीन लोगों का सुरेश का परिवार था। सुरेश और राधा दोनों एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी में सॉफ्टवेयर इन्जीनियर के पद पर दिल्ली में काम करते थे। मई 2010 में सुरेश और राधा का ट्रान्सफर लखनऊ हो गया और ये सभी लोग मेरे अच्छे पड़ोसी बन गए।
मैंराधा भाभी से आम बातचीत कर ही रहा था कि इतने में किरण भी वहाँ आ गई। किरण भी अपनी भाभी की तरह बला की खूबसूरत लग रही थी। उसको देखते ही किसी का भी मन डोल जाए।
उसका कद थोड़ा कम जरूर था 5'2", लेकिन जबरदस्त माल थीचम्पई गोरा रंगउसकी बड़ी बड़ी चूचियों की घुन्डी बगैर ब्रा के टीशर्ट से साफ दिख रही थी। उसकी झील सी आँखों का तो जवाब ही नहीं थातीखे नयन-नक्शकुल मिला कर उसके बदन में कहीं से भी कोई भी कमी नजर नहीं आती थी।
मैंने किरण से ऐसे ही पूछा- तुम्हारी एम बी ए की तैयारी कैसी चल रही है
?
तो उसने कहा- कोई खास नहीं ! जो मुझे समझ में आता हैउसे ही पढ़ लेती हूँ।

मैं अपनी सलाह देने और मदद करने की आदत से मजबूरउसको सलाह देने लगामैंने कहा- तुम टाइम्स कोचिंग ज्वाइन कर लोयहीं पत्रकार पुरम के पास में ही हैआने जाने में दिक्कत भी नहीं होगीवहाँ पर मेरे ही बैच का लड़का फैकल्टी हैउसको मैं बोल दूंगा तो वो तुम्हारी मदद कर देगा।
इस पर राधा भाभी बोली- आप कल ही इसका एड्मीशन करा दीजिएदिन भर नेट पर सर्फिंग किया करती हैमुझे इसको गाइड करने का समय नहीं मिलता है। समय खराब करने से कोई फायदा नहींमैं सुरेश से बात कर लूंगी।
मैंने राधा भाभी से कहा- कल मैं किरण को सुबह आफिस जाते समय ले लूंगा और इसका एड्मीशन करा दूंगा।
किरण बोली- हाँ ! यही ठीक है !
मैंने कहा- गर्मी बहुत है !
इतने में बहुत तेज बारिश होने लगीबाहर खड़े सब लोग अपने अपने घर भाग गए। एक घंटे की बारिश के बाद मौसम बड़ा सुहाना हो गया। करीब 11 बजे खाना खाकर मैं अपने बेडरूम में गयाकमरे की लाइट ऑन कीफिर बरामदे में पहुँच कर मैंने वहाँ की बत्ती जैसे ही जलाई कि बल्ब फ्यूज़ हो गयालिहाजा बरामदा और पूरी छत अंधेरे की आगोश में ही रहा।

मेरा बेडरूम दूसरी मंजिल पर हैउसके सामने बरामदा फिर खुली छत और बरामदे में सुरेश के बेडरूम की शीशेदार खिड़की खुलती है। सुरेश के बेडरूम की खिड़की बन्द थी लेकिन पर्दा हटा था मैंने ऐसे ही कौतूहल-वश उसके कमरे में नज़र दौड़ाई। वहाँ कोई नहीं थासिर्फ ए सी चल रहा था और नाइट बल्ब जल रहा था। कमरे की हर चीज मुझे साफ साफ नज़र आ रही थी।
इतने में दरवाजे का पर्दा हटा और राधा भाभी ने कमरे में प्रवेश किया और फिर ट्यूब लाइट जलाई।
मैं थोड़ा पीछे अंधेरे में आ गया ताकि वो देख न सकें। उसके बाद वो सीधे कपड़ों की अलमारी के पास गई और उसका दरवाज़ा खोल कर गुलाबी रंग की नाइटी निकाली और उसको बिस्तर पर रख दिया। फिर उन्होंने अपनी साड़ी उतार दीअब वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। फिर मुड़ कर बगल में लगे शीशे में अपने आप को कई कोणों से निहारने लगी और धीरे से मुस्कराई और फिर अपना ब्लाउज़ भी उतार दिया। ब्रा उन्होंने शाम से ही नहीं पहन रखी थी इसलिये चूचियाँ एकदम आजाद हो कर सामने आ गई।
अब मैं उनकी झकास चूचियों के दर्शन कर रहा था।
उसके बाद उन्होंने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और पेटीकोट नीचे अपने पैरों पर गिरा दिया।
नीचे काले रंग की पैन्टी नज़र आईउसको भी उन्होंने नीचे झुक कर सरका दिया। जब वो सीधे खड़ी हुईं तो मुझे दिखा कि उनकी चूत पर हल्की हल्की झांटों की लाइन सी बनी थी। कुल मिला कर वो बड़ी सेक्सी दिख रही थी।
एक बार फिर उन्होंने अपने आप को शीशे में देखा और फिर बेडरूम से जुड़े बाथरूम में चली गईं। वापस आकर उन्होंने नाइटी उठाई और गाउन की तरह पहन ली। नाइटी सामने से खुली थी और पारभासक थीजिससे उनकी चूचियाँ और चूत के बालों से लिखा इंग्लिश का लेटर 'एसअब साफ दिख रहा था।
यह सब देख कर तो मेरे लण्ड का बुरा हाल हो गयाउसने मेरे पजामे को तो तम्बू बना दिया था। अब मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा।
फिर मैंने देखा कि उन्होंने अपने उतारे हुए सारे कपड़े बटोरे और अलमारी में रख दिये। फिर उन्होंने टी वी के ऊपर से रिमोट उठाया और बिस्तर पर पैताने की तरफ सिर करके पेट के बल लेट गई और पैर घुटनों से मोड़ कर अपने कूल्हों के ऊपर ले गई। इससे उनकी नाइटी सरक कर घुटने तक आ गईसुडौल उभरे हुए कूल्हे और उनके बीच की दरार नाइटी के अन्दर से साफ दिख रही थी।
उन्होंने फिर टी वी चलाया और कई चैनल बदलने के बाद स्टार मूवीस पर "समर ऑफ 42" फिल्म आ रही थीवही देखने लगीं।
कोई मिनट के बाद सुरेश ने कमरे में प्रवेश कियापलट कर कमरे का दरवाजा बंद किया और फिर राधा की तरफ देख कर बोला- वाह…!!! क्या मस्त लग रही हो इस नाइटी में !
राधा मुस्कराई।
फिर सुरेश ने टीवी की तरफ देखते हुए पूछा- कौन सी फिल्म आ रही है
?
राधा ने सुरेश की तरफ मुखातिब हो कर जवाब दिया- "समर ऑफ 42"

गुड फिल्म ! सुरेश बोलाफिर अलमारी खोल कर अपना स्लीपिंग सूट निकाल कर बिस्तर पर रखाअपनी शर्ट उतारीफिर बनियाइन उतार कर स्लीपिंग सूट की शर्ट पहन ली फिर जीन्स और चड्डी उतारीअब उसका झाटों के बीच लटका हुआ लण्ड साफ दिख रहा था। फिर वो बाथरूम में गया। वहाँ शायद उसने अपने लण्ड को पानी से धोया होगाइसके बाद वापस आ कर उसने पजामा पहना। उसके बाद अलमारी से हैन्डीकैम निकाला और कमरे की सारी लाइट ऑन करके टीवी के ऊपर कैमरे को फिक्स किया और फिर कैमरा ऑन कर दिया।
राधा भाभी ने पूछा- यह क्या कर रहे हैं आप
?
अरे डार्लिंग ! एक अच्छी फिल्म बनाने जा रहा हूँ ! तुम हीरोइन और मैं हीरो। फिल्म का नाम है "सेलिब्रेशन ऑफ सी थ्रू नाइटी"। इस नई नाइटी को सेलिब्रेट नहीं किया जायेगा क्या…?

राधा हंसते हुए बोली- आप को तो एक बहाना मिलना चाहिए बस ! अगर किसी ने यह फिल्म देख ली तो क्या सोचेगा?
सुरेश बोला- यार कौन देखेगाकैमरा तो हम लोगों के पास ही रहता है ! तुम परेशान मत हो ! बस मजे लो।

राधा भाभी बोली- ओ के बाबा ! तुमको तो कोई समझा ही नहीं सकता।
फिर सुरेश राधा के बगल में आ कर लेट गया और अपना एक हाथ पेट के बल लेटी राधा के चूतड़ों पर रख कर धीरे धीरे सहलाने लगा और साथ ही टीवी पर फिल्म देखने लगा।
राधा ने अपने पैर को सीधा किया और फैला दिया जैसे चुदने के लिए व्याकुल होलेकिन अभी भी वो फिल्म देखे जा रही थी।
धीरे-धीरे सुरेश का हाथ राधा की पीठ पर आया और अब वो राधा के बालों के साथ खेल रहा था कि तभी राधा ने टीवी को रिमोट से ऑफ कर दिया और करवट ले कर सुरेश की तरफ अपना मुँह कर लियाअब उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और चूत के ऊपर झाटों से लिखा 'एसनाइटी से साफ दिखने लगा। फिर सेक्सी निगाहों से देखते हुए बोली- इतनी अच्छी फिल्म आ रही थी ! आपने देखने नहीं दी।
सुरेश ने अपना एक हाथ बढ़ाया और नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूची की घुन्डी मसलने लगा और फिर चूत की तरफ देख कर बोला- यह 'एसतुमने कब लिखातुम्हारी चूत बहुत सेक्सी लग रही है।
फिर राधा भाभी अपने दोनों हाथ बढ़ा कर सुरेश का सिर अपनी तरफ खींचते हुए बोली- मुझे पहले ही पता था कि तुम नई नाइटी जरूर सेलिब्रेट करोगे,इसलिए मैंने अपनी चूत को और सेक्सी बनाने के लिए तुम्हारे नाम का पहला अक्षर लिख दियाआखिरकार यह चूत तुम्हारे लिए ही है ना।
सुरेश मुस्कराते हुए बोला- वाह… और फिर राधा भाभी सुरेश के होठों को चूमने लगीं और फिर अपने पीठ के बल चित्त लेट गई।
इसके बाद सुरेश ने सामने से नाइटी खोल दी और एक चूची को चूसने लगा और अपने एक हाथ से उसकी चूत की खुजली मिटाने लगा। राधा भाभी की आँखें धीरे-धीरे बन्द होने लगी और अपनी टांगें और फैला दी।
इसके बाद सुरेश राधा के ऊपर लेट गया और होंठों से होंठ मिला कर चूमने लगा। राधा की चूचियाँ सुरेश के सीने के नीचे ऐसे दबी थी जैसे किसी हवा भरे गुब्बारे को दबा दिया गया हो और सुरेश की दोनों टांगें राधा की फैली टागों के बीच में थीं।
करीब मिनट तक चुम्बन-दृश्य चलता रहा। फिर वो दोनों एक साथ ऊपर-नीचे होकर पल्टियाँ खाने लगेसुरेश नीचे हुआ और राधा भाभी उसके ऊपर आ गई।
अब राधा भाभी उठींलेकिन सुरेश के लण्ड के ऊपर ही बैठी रहीं और फिर सुरेश की शर्ट उतारने लगीं। उसके बाद अपनी पूरी नाइटी भी उतार दियाफिर नीचे लेटे सुरेश को चूने लगी। सुरेश ने अपने दोनों हाथों और पैरों से राधा को जकड़ लिया। थोड़ी देर बाद राधा भाभी अपने आप को सुरेश की पकड़ से अजाद कर लिया फिर उठी और सुरेश के बगल में बैठ कर उसका पजामा उतारने लगी।
अब सुरेश और राधा दोनों ही बिलकुल नंगे थे। सुरेश का लण्ड अभी पूरी तरह से खड़ा नहीं था इसलिए राधा भाभी ने लण्ड को पकड़ कर ऊपर-नीचे करने लगींफिर लण्ड का सुपाड़ा खोला और अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं। सुरेश अपना एक हाथ बढ़ा कर राधा भाभी की चूची मीसने लगा और राधा भाभी ने अपने दूसरे हाथ से अपनी चूत की खुजली मिटाने लगी।

यह कार्यक्रम लगभग 2-3 मिनट ही चला होगा कि सुरेश का लण्ड पूरी तरह खड़ा हो गया। उसका लण्ड करीब इन्च का होगा और काफी मोटा दिख रहा था। जोकि अब राधा भाभी के मुँह को चोद रहा था या कहें कि राधा भाभी ने सुरेश के लण्ड को अपने मुंह में कैद कर रखा था और लगातार उसको चूसे जा रहीं थीं। सुरेश के मुंह से आह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह की अवाजें निकल रही थी।
फिर सुरेश ने राधा भाभी से कहा- अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरी तरफ अपनी पीठ करो और मेरा लण्ड अपनी चूत में डालो।
राधा भाभी ने वैसा ही किया।
फिर सुरेश ने कहा- अब तुम मेरे दोनों पैर पकड़ कर लण्ड को अपनी चूत में ऊपर नीचे करो जैसे तुम मुझे चोद रही हो।
राधा भाभी सुरेश के लण्ड पर उट्ठक-बैठक करने लगी और कभी कभी लण्ड पर बैठे ही बैठे अपनी कमर कस कर हिलाती। इस पर सुरेश आह्ह्ह्ह आह्ह्ह करने लगता। फिर अचानक राधा भाभी की स्पीड बढ़ गई और फिर मुझे लगा कि राधा भाभी या सुरेश या फिर दोनों ही झड़ रहे है क्योंकि सुरेश की झाटों पर काफी फेना सा इकट्ठा हो रहा था और राधा भाभी भी आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह नोअअ कह रही थी। फिर सुरेश ने राधा भाभी को अपने ऊपर से अलग किया लेकिन ये क्यासुरेश का तो लण्ड अभी भी खड़ा ही था। इसका मतलब राधा भाभी ही झड़ी थीं।
फिर सुरेश ने राधा भाभी से कहा- अब तुम कुतिया बन जाओमैं अभी झड़ा नहीं हूँ !
राधा भाभी ने कहा- सुरेशप्लीज़ अब रहने दो ! मैं बहुत थक चुकी हूँ।
सुरेश बोला- यार. अभी तो मेरी शुरुआत है ! पहले तुम कुतिया बनोफिर देखते हैं।
फिर राधा भाभी बोली- यार। वैसे तो तुम हफ्तों मुझे चोदते नहीं हो। और जब चोदना शुरू करते हो तो मुझे अधमरा कर देते हो।
इस पर सुरेश हंसने लगा और राधा भाभी को खुद ही कुतिया की अवस्था में करने लगा और राधा भाभी की एक टांग उठा कर बेड के सिरहाने लगा पटरे(हेड रेस्ट) पर रख दिया। अब राधा भाभी की अवस्था वैसे ही थी जैसे कुत्ते अपनी टांग उठा कर मूतते हैं।
फिर सुरेश राधा भाभी के पीछे गया और उसकी चूत को कुत्ते की तरह सूंघने लगाफिर अपनी जीभ निकाल कर राधा भाभी की चूत को चाटने लगा। चाटते चाटते राधा भाभी की चूत से फिर पानी टपकने लगा। इसके बाद सुरेश अपने घुटने के बल खड़ा हुआ और अपना हलब्बी लण्ड एक हाथ से पकड़ कर एक ही झटके में राधा भाभी की चूत में घुसेड़ दिया और लगा चोदने।
सुरेश धक्के पे धक्के लगाये जा रहा था और हर धक्के पर राधा भाभी की चूत से भच्च्… की आवाज आती और उनके मुँह से ओह्ह्ह्ह येस… निकल जाता,साथ में उनकी लटकी बड़ी-चूचियाँ हिलोरें लेने लगती।
सुरेश का धक्काराधा भाभी का ओह्ह्ह्ह येस…, और उनकी चूचियों का हिलोरें लेना यह सब बहुत ही ताल में चल रहा था। ये संगीतमय ऐक्शन करीब 10मिनट तक चलेफिर सुरेश एकदम से चिल्लाते हुए बोला- आई एम कमिंग डार्लिंग !
और अपना लण्ड राधा भाभी की चूत से बाहर निकाल लिया। राधा भाभी तुरन्त मुड़ी और सुरेश का लण्ड अपने मुँह के हवाले कर लिया। फिर सुरेश राधा भाभी के मुँह को चोदने लगा और फिर राधा भाभी के मुँह में ही झड़ने लगा। राधा भाभी बड़े चाव से सारा का सारा वीर्य पी गई। और फिर बिस्तर पर ही दोनों टांगें फैला कर पेट के बल लेट गई। फिर बगल में सुरेश भी लेट गया और अपना एक हाथ राधा भाभी के चूतड़ों पर सहलाते हुए बोला- यार सुनोतुम्हारी गाण्ड तो रह ही गई।
इस पर राधा भाभी बोली- यार तुम तो हद कर देते हो ! अब चुपचाप सो जाओचोदू कहीं के।
सुरेश ने हंसते हुए जवाब दिया- चलो आज तुमको माफ कियातुम भी याद रखोगी कि किसी रईस चोदू से पाला पड़ा है।
फिर थोड़ी देर बाद सुरेश उठा और टीवी के उपर रखा कैमरा ऑफ किया और उसको वार्डरोब में रख दिया। और फिर सारी बत्तियाँ बुझाई और फिर शायद नंगे ही राधा भाभी के साथ सो गया होगा। क्योंकि अब कमरे में कुछ भी नहीं दिख रहा था।
यह सब देखने के बाद तो मेरी हालत बिलकुल खराब हो गई थी मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था सिवाय मुट्ठ मारने के। मैं सीधे अपने वाशरूम गया और अपनी एक दूर की अनदेखी चैट फ्रेन्ड को फैन्ट्साइज़ किया और मुट्ठ मार कर सो गया।
आज सुबह मैं जल्दी ही तैयार हो गयाबाइक बाहर निकाली और किरण को बुलाने के लिए उसके घर की घंटी बजा दी। वो तैयार ही थीतुरन्त बाहर आ गई और साथ में राधा भाभी भी ऑफिस के लिए तैयार हो कर आ गई।
भाभी मुझसे बोली- मुझे देर हो रही हैमैं ऑफिस जा रही हूँमैंने कोचिंग की फीस किरण को दे दी है।
यह कहते हुए अपनी स्कूटी स्टार्ट की और चली गई। मैंने भी अपनी बाइक स्टार्ट की और किरण को बैठाकर चल दिया। किरण बाइक पर क्रास-लेग बैठी,रास्ते में उसकी बड़ी-चूचियाँ मेरी पीठ को कभी-छू जाती थीखैर मैंने कोई खास ध्यान न देते हुए कोचिंग पहुँच कर उसका एड्मीशन करा दिया और वापस घर छोड़ दिया। और उसके बाद अपने ऑफिस चला आया।
ऑफिस में आज कोई खास काम नहीं थामैं अपने पाठक दोस्तों से जो ऑन लाइन थे उनसे चैट करने लगाखास तैर से रीमा सेउसके साथ मैं तकरीबन पिछले एक महीने से रोज चैटिंग कर रहा था। हालांकि मेरी और उसकी उम्र में काफी अन्तर थावो 20-21 की और मैं 35 कालेकिन मेरी उम्र से उसको कोई एतराज नहीं था बल्कि वो और ज्यादा अपने को मेरे साथ सुरक्षित महसूस करती हैउसका मानना है कि आदमी की परिपक्वता उसको अधिक रोमैन्टिक और सेक्स में अनुभवी बनाती है और खास तौर से लड़की की निजता और सुरक्षा दोनों ही बनी रहती हैंइससे ज्यादा किसी लड़की को अपने यौन जीवन में और क्या चाहिए।
यह बात उसने तब कही थी जब मैंने अपनी पहली फोटो उसको भेजी थी। उसके बाद तो उससे मेरी बहुत अच्छी दोस्ती और अन्डरस्टैन्डिंग हो गई थी,उससे सभी तरह की चुदाई की बातें होती रहती थी। हम लोगों ने कई बार ऑन लाइन चुदाई का मजा भी लिया थातब भी हम लोग इसी तरह की बात कर रहे थे।
वो कह रही थी कि देखने-पढ़ने से मन नहीं भरताअब कुछ करने का मन करता है। तो मैंने उससे कहा- आज मौसम बहुत बेईमान हैबादल घिरे हैं,हल्की हल्की बरिश की फुहार पड़ रही हैमेरा मन बहुत रोमान्टिक हो रहा है,तुम थोड़ा मेरे पास आओ ना प्लीज़ !
वो बोली- अच्छा लोमैं तुम्हारे पास आ गई।
मैंने कहा- इस हसीन मौसम में तुम बहुत रुमानी लग रही हो।
उसने कहा- जनाब आप का इरादा क्या हैमैं भी तो जानूँ
?
मैंने कहा- मेरा दिल यह कह रहा है कि मैं तुम्हारी इन काली घटाओं जैसी ज़ुल्फों में खो जाऊं और तुम मेरी बाहों में समा जाओ और फ़िर हम दोनों दूर,इन बादलों के पारप्यार के सागर में डूब जाएँ।
रीमा बोली- लोमैं आपके ऑफिस आ गई और अब मैं तुम्हारी बाहों में हूँ !
फ़िर मैंने अपने होंठ उसके दहकते होठों पर रख दिये। वो मेरे से लिपट गई,मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया और उसकी जुल्फों पर हाथ फेरने लगा।
वो अपनी नाजुक उंगलियों से मेरे बालों को सहलाने लगीफिर वो अपनी रसीली जुबान मेरे मुँह के अन्दर डाल दीमैंने भी उसका जवाब अपनी जुबान को उसके मुँह में डाल कर दिया। रसीले चुम्बन का दृश्य लगभग मिनट तक खड़े खड़े चलता रहा। फिर हम लोग उसी दशा में थोड़ा सा चल कर सोफे पर एक साथ बैठ गए। अब हम लोगों के हाथ प्यार से एक दूसरे की पीठ सहला रहे थे।
करीब मिनट के बाद वो मेरे से अलग हुई। मैंने देखा कि उसके होठों की लिपस्टिक अपने होठों और जुबान से मैं साफ कर चुका था। फिर उसने अपने हाथों से अपने होठों को पौंछा और फिर मेरी आँखों में बड़े प्यार से मुस्करा कर देखने लगी और बोली- मुझे नहीं पता था कि आप इतने रोमैन्टिक है ! नहीं तो मैं बहुत पहले आपके पास आ जाती।
इस पर मैंने प्यार से कहा- अरे मेरी अनारकलीयह तो सिर्फ खूबसूरत मुहब्बत की शुरुआत हैअभी तो जन्नत की सैर बाकी है।
इस पर उसने अपनी निगाहें झुका कर अपनी चूचियों की तरफ कर लीऔर अपना बायां हाथ मेरी दाहिनी जांघ पर रख कर बोली- यह क़नीज़ आपकी तब से दीवानी है जब से आपने मुझे वीर्य निकलते हुए अपने लण्ड की फोटो मेल की थी। तब से मेरी यही ख़्वाहिश थी कि मैं आपके लण्ड को चूस-चूस कर उसके रस को पीकर मैं निहाल हो जाऊंताकि ज़िन्दगी भर उसी के नशे में डूबी रहूँ।
मैंने कहा- बस इतनी सी बातलोमैं अभी पूरी किए देता हूँ !
और मैं उसके सामने खड़ा हो गया और कहा- तुम खुद मेरी पैन्ट खोल कर अपनी ख़्वाहिश पूरी कर लो।
वो बोली- धत्त ! आप भी ना !
तो मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ कर अपनी जीन्स के बटन पर रख दिया और कहा- इसे खोलो ! और मेरे लण्ड को बाहर निकालो।

फिर उसने शरमाते हुऐ मेरी जीन्स को खोला और उसे नीचे कर दिया। स्प्रिंग की तरह मेरा खड़ा लण्ड ठीक उसके मुँह के सामने आ गया क्योंकि मैं अन्डरवियर पहनता ही नहीं हूँ,।अपने सामने मेरा खड़ा लण्ड देखते ही बोली- माई गॉड ! यह तो फोटो से भी बड़ा है।
फिर उसने अपने दाहिने हाथ से मेरे लण्ड को झिझकते हुए पकड़ लिया और धीरे से लण्ड की अग्र-त्वचा को थोड़ा नीचे कियाइससे गुलाबी सुपारा बाहर आ गया और उसको देखते ही उसके मुँह से अनायास ही निकल गया- आई लव दिस पिंक लॉलीपॉप।
मैंने तुरन्त कहा- लॉलीपॉप तो चूसने के लिए होता है !
इस पर उसने बड़े प्यार से मुस्कराते हुए मेरी आँखों में आँखें डाल कर देखते हुए हौले से गुलाबी सुपारा अपने मुँह में ले लिया और हल्के-अपनी जबान फिराने लगी।
और मैं थोड़ा झुक कर कुर्ते के बाहर से ही उसकी चूचियों को सहलाने लगा। धीरे धीरे वो उत्तेजित होने लगी और वह मेरे लण्ड को अपने मुँह के और अन्दर ले कर कस कर चूसने लगी। फिर मैंने उसके कुर्ते के गले से अपने दोनों हाथ अन्दर डाल दिये और उसकी चूचियों को दबाने लगा और दबाते दबाते चूचियों की घुन्डी को अपनी उंगलियों से मीसने लगा।
उसके मुँह से अचानक उह्ह्ह आह्ह्ह्ह की आवाज निकलने लगी और फिर उसने अपना बाएँ हाथ से सलवार के ऊपर से ही बुर को सहलाने लगी। इधर मेरा लण्ड और तन गया तो मैं उसके मुँह को ही धीरे धीरे चोदने लगाऔर साथ ही अपनी शर्ट और बनियान उतार दी।
अब मैं पूरा नंगा थाउधर रीमा काफी उत्तेजित हो चुकी थीउसकी बुर के सामने की सलवार पूरी गीली हो चुकी थी और मैं लगातार उसके मुँह को चोदे जा रहा था। उसके मुँह से उह्ह्ह आह्ह्ह्ह की घुटी-घुटी सी आवाजें और तेज निकलने लगी।
मैंने रीमा की दोनों चूचियाँ कस कर पकड़ते हुए कहा- मैं झड़ने वाला हूँ !
यह सुन कर वो मेरे लण्ड को और कस कर चूसने लगी। इतने में मेरा माल निकलने लगा और वो पूरा का पूरा पीती चली गई। जब पूरा वीर्य चट कर चुकीफिर उसने अपने मुँह से मेरे लण्ड को अलग किया।
मैंने उससे पूछा- कैसा लगा मेरा रस
?
वो बोली- इट वाज़ वेरी डिलीशियश ! मजा आ गया।

फिर मैंने उससे कहा- खड़ी हो जाओ।
वो खड़ी हो गईमैंने उसका कुर्ता उताराफिर ब्राफिर सलवार उतारी। उसने पैन्टी नहीं पहनी हुई थीवो गजब की माल लग रही थी। उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँपतली कमर और बगैर बाल की बुर तो कमाल की लग रही थी। खुद को नंगा देखकर वो कुछ शरमाने लगी और अपनी बुर पर हाथ रख लिया और मुझसे बोली- मुझे शर्म आ रही है !
मैंने कहा- ओह्हअभी मैं तुम्हारी पूरी शर्म दूर किए देता हूँ ! पहले तुम बैठ जाओ !
तो वो सोफे पर अपनी बुर को हाथों से ढक कर बैठ गई।
मैंने उससे कहा- तुम कॉफी लोगी या कोल्ड ड्रिंक
?
वो बोली- कुछ नहीं ! अभी तो मैंने लण्डजूस पिया है ! कोई और ड्रिंक से अपने मुँह का स्वाद खराब नहीं करना चाहती हूँ।

मैंने कहा- ओ केरीमा जी ! लेकिन इस नाचीज़ को आप अपने बुर-रस से कब नवाज़ेंगीमुझे भी तो स्वाद लेने का मौका दीजिए।
इस पर वो बोली- आपको किसने मना किया हैमैं और मेरा सब कुछ आपका हैजो कुछ करना है करिए। लेकिन थोड़ा जल्दी।
यह सुनते ही मैंने उसके पैर फैलाए और उसके हाथ बुर से अलग करते हुए मैं दोनों टांगों के बीच फर्श पर बिछी दरी पर बैठ गयाफिर मैंने उसे थोड़ा आगे अपनी ओर खींचा। जिससे वो करीब आधी लेटी हुई अवस्था में हो गई।
फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी बुर में घुसेड़ीउसकी बुर अभी भी गीली थी तथा थोड़ा थोड़ा रस बह रहा था जोकि उसकी गाण्ड से होता हुआ सोफे पर जा रहा था। मैं तुरन्त अपनी जुबान बुर की दोनों फांकों के बीच लगा कर चाटने लगाउसका स्वाद बड़ा सेक्सी था। बीच बीच में मैं अपनी दो उंगलियों को बुर में घुसेड़ कर जी प्वाइंट को रगड़ देता थाइस पर वो उचक जाती थीअपनी आँख बन्द किए हुए बुर चुसाई का मजा ले रही थीकभी कभी उसके मुँह से उह्ह्ह आह्ह्ह्ह की आवाज निकल जातीसाथ ही अपने एक हाथ से चूची सहला रही थी और दूसरे हाथ से मेरे सर को अपनी बुर पर दबाए जा रही थी।
अचानक वो बोली- कोई आया है ! मैं बाद में बात करुगीं और फिर रीमा ऑफलाइन हो गई।
इस तरह हम लोगों ने 11 बजे से 12:30 बजे तक ऑन लाइन वर्चुअल चुदाई का मजा लिया। मैंने भी मुट्ठ लगाने के बाद अपनी जीन्स पहन ली और ऑफिस के दूसरे काम करने लगा। बाहर ऑफिस में सभी लोग आ चुके थे।
समय: 6-30 शाम
ऑफिस के काम से अभी फुरसत मिलीमैंने सोचा चलो कुछ चैटिंग हो जाएतो मैंने अपना याहू मैसेन्जर लॉग-इन किया। मेरे दो दोस्त ऑनलाइन थेउनसे बात करने लगा।
अचानक रीमा भी ऑनलाइन हो गई। मैंने तुरन्त उसको मैसेज भेजा- सुबह कौन आया था
?
तो उसने बताया- धोबी आया था !

मैंने कहा- यारसुबह उस धोबी की वजह से मेरा के एल पी डी हो गया।
तो उसने लिखा- यह क्या होता है
?
तो मैंने जवाब लिखा- खड़े लण्ड पर धोखा !

इस पर उसने लिखा- हह्ह्ह्ह्ह्हा हह्ह्ह्ह्ह्हा।
फिर हम लोग आम बात करने लगे और उसी में उसने मुझे बताया कि अब वो लखनऊ अपने भाई के साथ रहने आ गई है और टाइम्स कोचिंग में एड्मीशन आज ही ले लिया है।
मैंने पूछा- तुम लखनऊ में कहाँ रह रही हो
?
तो उसने बताया- गोमती नगर में !

यह सुन कर मेरा माथा ठनका क्योंकि सिर्फ आज ही मैंने किरण का एड्मीशन टाइम्स में कराया थामैंने उससे उसका असली नाम फिर पूछा तो उसने रीमा ही बतायापहले भी यही बताया थातो मुझे कुछ शक तो हुआ लेकिन मैंने उस पर विश्वास कर लिया।
मैंने फिर उससे कहा- अब तो हम लोग एक ही शहर क्योंएक ही कॉलोनी में रहते हैं तो तुम हमसे कभी मिलो।
तो उसने कहा- समय आने पर मैं आप से जरूर मिलूँगीआप का सेल नम्बर तो मेरे पास है हीमैं आपको काल कर लूंगीयह मेरा वादा है।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर वो बोली- अब मैं ऑफलाइन हो रही हूँ क्योंकि भाभी आने वाली हैं। बाय !
यह पढ़ कर मैं खुश हो गया। मैंने सोचा कि चलो जल्दी ही मुलाकात होगी।
फिर मैंने सभी ऑनलाइन दोस्तों से विदा लेकर कम्प्यूटर बन्द किया और घर को रवाना हो गया।

आज मुझे अपनी गाड़ी की सर्विसिंग करानी थी इसलिए मैं ऑफिस से जल्दी ही निकल गया था। गाड़ी सर्विस कराने के बाद मैं घर पहुचा। मैं अभी लंच लेने के बाद सोने की सोच ही रहा था कि बाहर किसी ने दरवाज़ा खटखटाया।
मेरी भाभी ने कहा- मुन्ना देखो बाहर कौन है !
मैं बाहर निकला तो देखा कि गेट पर किरण खड़ी हैमैंने उससे पूछा- क्या बात है 
?
तो उसने कहा- मुझे आप से ही काम है।मैने कहा- अन्दर आ जाओ।

तो किरण अन्दर आ गई। तब तक मेरी भाभी भी रसोई से निकल कर हम लोगों के पास आ गई और किरण से पूछा- क्या बात है किरण
?
किरण ने कहा- कुछ नहीं भाभीअसल में मुझे कोचिंग में एक होमवर्क मिला हैवो मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे करूँ ! कोचिंग से लौटते समय मैंने मुन्ना भैया की गाड़ी बाहर खड़ी देखी तो सोचा कि इन्हीं से पूछ लूँये भी तो एम बी ए कर चुके हैंइसलिए आई हूँ।

भाभी बोली- हां-हांबिल्कुल ! जाओ मुन्ना देख लो और बाहर से दरवाज़ा बन्द कर लेनामैं सोने जा रही हूँतुमको आने में देर हो सकती है।
मैंने कहा- ठीक है भाभी।
और फिर हम दोनों मुख्य-द्वार बन्द करके किरण के घर चले गए। किरण कोचिंग के बाद इस वक्त अकेली ही घर पर रहती थी क्योंकि उसके भाई और भाभी दोनों एक ही साथ ऑफिस में काम करते थे और एक ही साथ आते-जाते थे।
खैरमैंने किरण से पूछा- क्या समस्या है
?
तो उसने कहा- आज मेरा इंग्लिश का टेस्ट हुआ था उसमे बहुत कम अंक मिलेसर ने कहा है कि रीडिंग और स्पीकिंग सही करो। मेरा उच्चारण भी सही नहीं है। तो मुन्ना भैया बताइये कि मैं कैसे सुधार करूँ।

मैंने कहा- बहुत आसान हैनेट पर ऑनलाइन बहुत सी साइट हैं जिस पर तुम प्रैक्टिस कर सकती हो।
तो वो बोली- प्लीज़ आप नेट पर सर्च कर दीजिए।
मैंने कहा- ठीक हैकम्प्यूटर कहां है
?
उसने कहा- मेरे बेडरूम में है।

और फिर बोली- आइये !
मैं उसके पीछे उसके बेडरूम चल दिया। उसका बेडरूम बहुत सलीके से सजा था,एक डबलबेड कमरे के बीचोंबीच थाउसके पैताने एक कम्प्यूटर-टेबल पर कम्प्यूटर रखा था उसके सामने एक कुर्सी थी और उसके बगल में कमरे का दरवाजा था।
उसने कुर्सी पर बैठ कर अपना कम्प्यूटर ऑन किया और नेट कनेक्ट करके मुझसे कहा- आप सर्च करियेतब तक मैं कपड़े बदल कर आप के लिए चाय बनाती हूँ।
मैंने कहा- हाँचाय तो चलेगी।
फिर मैं गूगल पर साइट सर्च करने लगा। एक साइट मुझे कुछ समझ में आई कि अचानक लाइट चली गई और यूपीएस न होने की वजह से कम्प्यूटर भी बन्द हो गया। इसी बीच किरण अपनी जीन्स-टॉप उतार कर और गाउन पहन कर अपने दोनों हाथों से चाय की ट्रे पकड़े हुए कमरे में आई और बोली- लीजिए आप चाय पीजिये ! तब तक शायद बिजली आ जाये।
मैंने कहा- ठीक है ! उसने ट्रे कम्प्यूटर-टेबल के एक कोने पर रख दी और खुद मेरे बगल में बिस्तर पर बैठ कर चाय पीने लगी। अभी हम लोग चाय पी ही रहे थे कि बिजली आ गई। मैंने कप रखा और कम्प्यूटर ऑन किया। फिर नेट कनेक्ट कियाफिर ब्राउज़र खोलाफिर मैंने सोचा कि दुबारा सर्च करने से क्या फायदावेब हिस्ट्री में तो पड़ा ही होगाउसी से दुबारा साइट खोल लेंगे।
फिर मैंने वेब हिस्ट्री खोलीउसमें वो साइट तो थी ही लेकिन मेरी नजर sex story साइट पर पड़ी तो मैंने बगल में बैठी चाय पीते हुए किरण से पूछा कि ये सिस्टम कौन-प्रयोग करता है
?
तो उसने कहा- मैं और मेरी भाभी।

फिर मैंने सीधे ही पूछ लिया कि तुम sex story साइट की कहानियाँ पढ़ती हो
?
यह सुनते ही उसके चेहरे का रंग उड़ गया और घबरा कर बोली- नहीं तो !

मैंने कहा- देखो यहाँ ! पिछ्ले एक हफ्ते में रोज यह साइट खोली जाती है।
इस पर वो कुछ नहीं बोली और निगाहें नीचे करके बिल्कुल डरी सी बैठी रही।
मैंने सोचा कि ज्यादा हड़काना ठीक नहीं है फिर मैंने उसे कूल डाउन किया यह बोल कर कि- अरे यार आजकल तो ज्यादातर लड़के-लड़कियाँ ये कहानियाँ पढ़ते हैं। इसमे डरने जैसी कौन सी बात हैमैं खुद पढ़ता हूँ इस पर वो कुछ सामान्य हुई।

मैंने फिर पूछा- अच्छा यह बताओ कि तुमने Hot School Girl पढ़ी है?
तो उसने सकुचाते हुए कहा- हाँ पढ़ी है !

मैंने फिर पूछा- कैसी लगी
?
तो उसने बताया- अच्छी है।

फिर मैंने पूछा- क्या तुम उस लेखक से चैट करती होसच बतानानहीं तो मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं करूँगा।
तो वो थोड़ा सा रुक कर बोली- हाँमैं रोज उनसे बात करती हूँ।
तो मैंने कहा- तुम उससे रीमा नाम से बात करती हो ना
?
तुरन्त उसके चेहरे पर आश्चर्य के भाव आए और उसने पूछा कि आप को कैसे पता
?
मैंने कहा- वो मुन्ना सिंह मैं ही हूँ जिससे तुम रोज चैट करती हो।

इस पर वो शरमा गई और मेरे पीठ पर हल्के से हाथ मार कर कहा- आपने तो मेरी जान ही निकाल दी थीमैं तो बहुत घबरा गई थी कि न जाने आप क्या सोचेंगे।
मैंने कहा- चलोभगवान जो करता है वो ठीक ही करता है। वैसे भी तुम मुझसे मिलने का वादा कर चुकी हो।
इस पर वो शरमा कर मुस्कुराने लगी।
फिर मैंने कहा- उस दिन तो तुमने चैटिंग में मेरा के एल पी डी कर दिया था,आज जब भगवान ने खुद मौका दिया है तो उसका लाभ लेना चाहिए।
इस पर वो बोली- आज नहीं कल ! आज मैं मानसिक तौर से तैयार नहीं हूँ,आपने तो आज मुझे कई झटके दिये हैं पहले मैं सामान्य तो हो जाऊँ।
फिर मैंने उससे सीधे पूछा- यह बताओ कि तुम्हारे पीरियड तो नहीं चल रहे हैं
?
वो बोली- नहीं अभी काफी दिन हैं।

मैंने फिर पूछा- तुमने बुर के बाल कब शेव किये थे
?
तो उसने कहा- एक महीने पहले किये थे !तो मैं बोला- अब तो बड़े हो गये होंगे
?
वो बोली हाँकुछ तो बड़े हैं।

मैंने कहा- एक काम करो !
वो बोली- क्या
?
मैंने कहा- आज ही तुम अपनी झांटों को इस तरह बनाओ कि मेरे नाम का पहला अक्षर तुम्हारी झांटों से लिख जाए। तभी मैं समझूंगा कि तुम मुझसे प्यार करती हो।

वो सिर्फ मुस्करा कर बोली- आप बहुत बदमाश हैं ! लेकिन मुझे यह बताइये कि नाम वाला आइडिया आप को कहाँ से मिला
?
मैंने कहा- तुम्हारी भाभी का आइडिया है !

उसने बड़े आश्चर्य से पूछा- राधा भाभी का
?
मैंने कहा- हाँ !

फिर मैंने 15-6-2010 की राधा भाभी और सुरेश की चुदाई की सारी बात किरण को बताई।जिसको सुन कर किरण मुस्कराने लगी और बोली- राधा भाभी बहुत सेक्सी हैंवो भी अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ती हैंकई बार तो वो मुझे बताती हैं कि कौन सी कहानी बहुत अच्छी है। आपकी कहानी भी उन्होंने ही मुझे पढ़ने को कहा थातभी मैंने पढ़ी थी।
यह जान कर मैं बहुत खुश हुआ।
फिर किरण बोली- अच्छा अब आप जाइये !
मैंने कहा- ठीक हैकल इसी समय तुम मेरे घर आ जाना और भाभी के सामने मुझे किसी बहाने बुला लेना।
उसने कहा- ठीक है !
फिर मैंने उसको एक साइट सर्च कर के दी और कहा- इस पर तुम रीडिंग करो और हेड फोन से सुनो और बोल कर प्रैक्टिस करो।
उसने कहा- थैन्क्स।
मैंने कहा- अब इसकी कोई जरूरत नहीं।
और फिर मैंने उसको पकड़ कर एक जोरदार चुम्बन लिया और उसकी एक चूची हल्के से दबा दी और कहा- सी यू टुमॉरो।
इसके बाद मैं अपने घर आकर अपने लण्ड को सोहराते हुए सो गया।
आज ऑफिस आने में कुछ देर हो गई। आते ही मैंने अपने असिस्टेन्ट को बुला कर आज के काम की लिस्ट मंगाईफिर मैंने काम के अनुसार असिस्टेन्ट को सब कुछ समझा दिया और कहा कि आज मुझे बजे एक खास मीटिंग में जाना हैबाकी का काम तुम देख लेना।
वो बोला- ठीक है सरआप टेन्शन मत लो मैं सब देख लूंगा।
यह कह कर वो मेरे केबिन से चला गया। फिर मैंने तुरन्त अपना याहू मेसेन्जर लॉग-इन किया। भाग्यवश मेरी एक बहुत ही खास दोस्त जो कि कर्नाटक के एक शहर में रहती हैवो ऑनलाइन थी। मैं उससे हर तरह की बातें खुल कर करता थावो बहुत ही बिन्दास और समझदार लड़की है। वो इतना प्रतिभाशाली है कि पूछो मतउसकी और मेरी वेवलेन्थ लगभग बराबर हैमैं उससे बहुत ज्यादा प्रभावित हूँउससे बातें करने में मजा आता हैजाने क्यों मुझे चैन नहीं पड़ता जब तक कि मैं उससे चैट न कर लूं या फिर फोन पर बात न कर लूं। यह मेरा उसके प्रति लगाव क्या है मुझे नहीं पता जबकि मैंने अभी तक उसकी फोटो भी नहीं देखी है।
खैर!!!
मैंने उससे कहा- यारएक मेरी चैट फ्रेन्ड है उसने मुझे चुदाई के लिए बुलाया है। शायद आज उसका फोन आयेगा।
तो उसने कहा- पूरी तैयारी कर ली है या नहीं
?
तो मैंने कहा- हाँ कर ली है !

तो उसने पूछा- कौन सा कन्डोम खरीदा है
?
तो मैंने कहा- डॉटेड मूड चॉकलेट फ्लेवर !

तो उसने पूछा- वो वर्जिन है या नहीं
?
मैंने कहा- पता नहीं !

फिर उसने सलाह दी- यदि वो अक्षतयौवना होगी तो डॉटेड कन्डोम से उसका बैन्ड बज जायेगा और उसको बहुत तकलीफ होगी। तुम ऐसा करो कि एक प्लेन कन्डोम भी खरीद लो। अगर वो वर्जिन हो तो प्लेन वाला अन्यथा डॉटेड कन्डोम यूज करना। फिर वो और इन्जवाय करेगी।
मैंने तुरन्त उसकी बात मान ली क्योंकि वो बहुत प्रैक्टिकल है।
फिर मैं प्लेन कन्डोम खरीदने मार्केट चला गया। साथ ही मैंने कुछ उसके लिये चॉकलेट्सएक खूबसूरत सा पेन उसकी परीक्षा के लिएक्योंकि मुझे लगता है कि किसी इन्सान के लिये पढ़ाई और व्यव्हारिक ज्ञान बहुत जरूरी हैऔर एक लाल गुलाब की कली खरीदी। यह सब करते करीब दिन के एक बज गये थे और मैं बेसबरी से उसके फोन का इन्तजार कर रहा था।
इतने में किरण(आई डी नेम रीमा) का फोन आ गया और उसने बताया- आज भैया और भाभी ऑफिस नहीं गए हैआज का कार्यक्रम रद्द करो कल शनिवार को रखो। वैसे तो उन लोगों का शनिवार ऑफ रहता है लेकिन आज की बजाए वो लोग कल ऑफिस जायेंगे।
मेरा मूड बहुत खराब हो गया। किरण के केस में यह मेरा तीसरी बार के एल पी डी हुआ था।
खैर मैं कर भी क्या सकता था सिवाय इन्तजार के अलावा।
शनिवार दिनांक 10-07-10 को एक गम्भीर समस्या यह थी कि मुझे ऑफिस के काम से दोपहर की फ्लाइट से 5-6 दिनों के लिये मुम्बई जाना थामेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ।
फिर मैं अपने ऑफिस वापस आ गया और बचे हुए काम निपटाने लगा।
आज मैं जल्दी ऑफिस आ गया क्योंकि कुछ फाइल्स लेकर मुझे मुम्बई जाना था।
करीब 10-20 पर किरण का फोन आयाउसने बताया- भाभी-भैया अभी ऑफिस के लिए निकल चुके हैंआप आ जाइए।
मैंने उससे कहा- यारमेरी भाभी भी तो हैंमैं क्या बहाना बनाउंगा
?
तो उसने बताया- आपकी भाभी अभी-पड़ोस की आंटी के घर हवन में गई हैं और मुझसे कह गई है कि आप आज जल्दी घर आयेंगे और वो बजे तक वापस आयेंगी। आप तुरन्त आ जाइए।

मैंने कहा- मैं आता हूँ।
फिर मैंने तुरन्त उसका सारा सामान जो कल खरीदा थालेकर घर रवाना हो गया। किरण अपने गेट पर ही खड़ी थीउसने कहा- आपके घर कि चाभी मेरे पास है।
मैंने उससे चाभी ली और घर खोल कर अपना समान रखा और बाथरूम में जाकर अपने लण्ड को पानी से खूब साफ किया और फिर वापस अपना घर बन्द कर के किरण के घर चला गया। तब तक किरण घर के अन्दर जा चुकी थी। किरण ने अपने ड्राइंगरूम का दरवाजा खुला ही छोड़ रखा था। मैं सीधे ही ड्राइंगरूम में पहुँच गया।
किरण सोफे के सामने खड़ी मेरा इन्तज़ार कर रही थी। आज किरण कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थीउसने बहुत ही प्यारा सा गुलाबी सलवार-कुर्ता पहन रखा थाबहुत हल्का सा मेकअप किया था। उसके सामने पहुँचते ही मैं अपने घुटने के बल बैठ गया और उसका एक हाथ पकड़ कर चूम लिया और फिर उसको चॉकलेट के बॉक्स पर लाल गुलाब की कली लगी हुईभेंट की और कहा- प्लीज़ एक्सेप्ट इटमाई स्वीट हाईनेस।
इस पर वो बहुत खिलखिला कर हंसी और बोली- येस माई ड्रीम प्रिंस !
और फिर उसने अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मुझे खड़ा किया।
इस पर मैं भी मुस्कराने लगाखड़े होकर मैंने हल्के से उसके माथे को चूम लिया और अपनी बाहों में उसको जकड़ लियाफिर मैंने उसके होठों को चूमा।
वो भी मेरे निचले होंठ को चूसने लगी।
इतने से जैसे मेरे लण्ड में करेन्ट दौड़ गया हो और फिर अनायास ही सलवार के ऊपर से ही मैं उसकी उभरी हुई गाण्ड पर हाथ फेरने लगा और कस-कस के दबाने लगा।
मेरा लण्ड तो मानो पैन्ट को फाड़ने के लिए मचलने लगा होमुझसे रहा नहीं गया और चूमते-चूमते अपने एक हाथ से उसकी चूची कस कर दबाने लगा।
अचानक किरण के मुँह से आह्ह्ह्ह की आवाज निकलीवो बोली- थोड़ा सब्र रखिये ! यहीं खड़े खड़े सब कुछ करेंगे क्या
?
फिर मैं उससे अलग हुआ और बोला- सॉरी यार ! अब रहा नहीं जाता !

तो वो मुस्कराने लगी और बोली- क्या लेंगे। ठन्डा या गरम
?
तो मैंने मादक मुस्कराहट के साथ अपनी जुबान होठों पर फेरते हुए कहा- मैं तो गर्म-गर्म तुम्हारा बुर-रस पियूँगा।

वो कुछ शरमाते हुए बोली- धत्त ! आप बहुत बदमाश हैं।
मैंने कहा- यह आपकी ही मेहरबानी है।
फिर मैंने उसकी कमर में हाथ डालते हुए उसके बेडरूम में ले गया और उसको बिस्तर पर बैठा दिया। साथ ही उससे चिपक कर मैं बैठ गया और उसकी चूचियों पर से दुपट्टा हटा दिया।
उसने गहरे गले का कुर्ता पहन रखा था जिससे उसकी लगभग आधी चूची बाहर नजर आ रही थी। वो गजब की सेक्सी लग रही थी यह देख कर तो मेरा लण्ड ही अकड़ गया। फिर मैं कुर्ते से बाहर आधी निकलती हुई चूचियों को चूमने चाटने लगा और दोनों चूचियों के बीच की दरार(क्लीवेज़) में जीभ डाल कर चूसते-चूसते हम दोनों एक साथ बिस्तर पर अपनी-टांगें बिस्तर के नीचे लटकाते हुए लेट गए।
फिर उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूचियों पर दबाना शुरू कर दिया और अपनी आँख बन्द कर के सीसियाने लगी। कुछ देर के बाद मैं फिर से उसके होठों को चूमने लगा और एक हाथ से उसकी चूची दबाने लगा और अपनी एक टांग उसकी कमर पर रख दिया।
यह सिलसिला करीब 8-10 मिनट चला। फिर मैंने उसको उठाया और उसका कुर्ता उतार दिया। उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी जिसमें उसके बड़ी-2चूचियाँ कैद थी।
मैंने उससे कहा- तुम्हारे इन कबूतरों को कैद से छुड़ा दूँ
?
इस पर उसने मदहोश निगाहों से देखा और धीरे से बोली- यह सब आपकी ही अमानत हैंइनके साथ जो करना हो वो करिये।

मैं मुस्कराया और पीछे सर कर के उसकी ब्रा का हुक खोल दियाफिर जब उसको सामने से देखा तो दंग रह गया।
उसकी चूचियाँ इतनी बड़ी थी कि उसके आधी-बाहों को छुपा रहीं थी। उसके गहरे भूरे रंग के चुचूक लगभग एक सेन्टीमीटर के होंगे जो कि पूरी तरह से खड़े थेजैसे वो मुझे बुला रहे हों।
मैं तुरन्त एक चूची को दबाने लगा और दूसरी चूची की घुन्डी को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर मैंने उसकी सलवार उतारने के लिए उसको खड़ा किया और नाड़ा खोल कर सलवार को उससे अलग कियानीचे उसने गुलाबी रंग की ही पैन्टी पहन रखी थी। लगे हाथ मैंने उसको भी उतार फेंका। उसकी गद्देदार बुर शेव की हुई थी। ठीक बुर की दरार के ऊपर हल्की झांटों से मेरे वास्तविक नाम का प्रथमाक्षर लिखा था।
अनायास ही मेरा हाथ उस पर चला गया और सरकते हुए उसकी बुर तक पहुँच गया। उसकी बुर बिल्कुल गीली हो चुकी थी। फिर मैंने अपनी बीच की उंगली उसमें डाल दी। इसके बाद वो मुझसे लिपट गई। फिर मैंने उसको अपने से अलग किया और दो कदम पीछे हट कर मैंने उसे गौर से देखा और लगा कि शायद किरण की सुन्दरता को बयान करने के लिए मेरे जैसे लेखक के पास उपयुक्त शब्द ही नहीं हैंवो अद्वितीय लग रही थीमैं मन्त्रमुग्ध सा खड़ा रहा।
फिर उसने पूछा- आप क्या देख रहे हैं
?
मैं एकदम से चौंक कर बोला- कुछ नहीं ! तुम यह बताओ कि तुम्हारे बदन का आकार क्या है
?
वो बोली- 
36-28-34
मैंने कहा- तुम्हारे जैसी बदनाकृति लाखों में एक होती होगी।

फिर मैंने उसके पास जाकर उसको अपनी बाहों में समेट लिया और ताबड़तोड़ चूमने लगा। फिर उसने मुझे अपने से थोड़ा अलग किया और मेरी कमीज उतारने लगी। मैंने उसका सहयोग किया। तत्पश्चात उसने मेरी जीन्स का बटन खोला और ज़िप खोल कर जैसे ही जीन्स नीचे खिसकाईवैसे ही मेरा खड़ा लण्ड उसके मुँह से टकराया। वह एकदम चौंक गई। फिर उसने बड़े गौर से मेरे लण्ड और सीने को निहारा और बोली- माई गॉड ! आपका बदन तो प्राकृतिक रूप से ही बाल रहित हैआप बहुत सेक्सी दिख रहे हैं। और आप का 'येतो बहुत बड़ा और मोटा हैउस पर काला तिल आपके लण्ड को और सेक्सी बना रहा है। आपने जो फोटो भेजी थी उसमे तो काफी छोटा और पतला नजर आता था।
मैंने कहा- फोटो और असलियत में हमेशा फर्क होता है।
तो वो बोली- मुन्नामुझे डर लग रहा है ! इतना बड़ा कैसे जाएगा
?
मैंने पूछा- अच्छा यह बताओ कि तुमने पहले कभी किसी के साथ चुदाई की है या नहीं
?
वो बोली- मैंने सिर्फ अपनी उंगली की हैकिसी के साथ अभी तक कुछ नहीं किया।

फिर मैंने कहा- तुम चिंता मत करोसब ठीक हो जायेगा।
तुरन्त ही मैंने उसे कूल डाउन किया और बोला- लो इसे पहले चूसो...
वो बोली- नहींमुझे ठीक नहीं लगेगा।
मैंने कहा- चैटिंग में तो तुम मेरे लण्ड को बहुत चाव से चूसती थीं और जब तुम्हारे सामने मौका है तो तुम मना कर रही हो
?
तो वो बोली- चैटिंग की बात और है। वहाँ तो सब बातों ही में होता है। लेकिन यह तो वास्तविकता है।

मैंने कहा- एक बार कोशिश तो करो।
उसने कहा- ओ के।
फिर वो अपने घुटने के बल मेरे लण्ड के सामने बैठ गईउसने मेरे लण्ड को एक हाथ से हलके से पकड़ा।
मैंने उससे कहा- जरा ताकत लगा कर पकड़ो इसे ! और ऊपर नीचे करो ! यही सब कुछ है।
वो धीरे-धीरे मुठ मारने लगी।
फिर मैंने कहा- त्वचा को थोड़ा और पीछे करो तो पूरा सुपारा बाहर निकल आएगा।
उसने वैसा ही किया और मेरा पूरा सुपारा बाहर आ गयाजिसको देखते ही वो बोली- यह तो पूरा ही गुलाबी हैआपका लण्ड तो काफी सांवला है और सुपारा गुलाबी ! यह तो गजब का कॉम्बीनेशन हैआई जस्ट लव इट।
मैंने कहा- तुमको पसन्द है 
?
उसने अपना मुँह ऊपर करके बड़ी-आँखों से देखा और सर हिला कर बोली- हाँ !

मैंने कहा- अब इसे चूसो।
फिर वो अपने घुटने के बल मेरे लण्ड के सामने बैठ गईउसने मेरे लण्ड को एक हाथ से हलके से पकड़ा।
मैंने उससे कहा- जरा ताकत लगा कर पकड़ो इसे ! और ऊपर नीचे करो ! यही सब कुछ है।
वो धीरे-धीरे मुठ मारने लगी।
फिर मैंने कहा- त्वचा को थोड़ा और पीछे करो तो पूरा सुपारा बाहर निकल आएगा।
उसने वैसा ही किया और मेरा पूरा सुपारा बाहर आ गयाजिसको देखते ही वो बोली- यह तो पूरा ही गुलाबी हैआपका लण्ड तो काफी सांवला है और सुपारा गुलाबी ! यह तो गजब का कॉम्बीनेशन हैआई जस्ट लव इट।
मैंने कहा- तुमको पसन्द है 
?
उसने अपना मुँह ऊपर करके बड़ी-आँखों से देखा और सर हिला कर बोली- हाँ !

मैंने कहा- अब इसे चूसो।
तो उसने झिझकते हुए आधे सुपारे को मुँह में लिया और अपनी जुबान उसके अग्र भाग पर फिराने लगी। मैंने लण्ड को थोड़ा सा उसके मुँह में अचानक घुसेड़ दिया। उसके मुँह से ओह्ह्ह की आवाज आई।
उसने कहा- बदमाशी मत करियेनहीं तो उल्टी आ जाएगी।
मैंने कहा- ठीक हैतुम आराम सेलेकिन कस कर चूसो।
तो उसने थोड़ी और हिम्मत दिखाई और पूरा सुपारा मुँह में ले लिया और अपने सिर को आगे पीछे करने लगी।
थोड़ी देर तक तो वो अपने तरीके से मेरे लण्ड को चूसती रहीफिर मैंने कहा- रुको ! मैं तुमको सही लण्ड चूसने का तरीका बताता हूँ।
वो बोली- हाँ बताइये !
मैंने कहा- पहले अपनी जुबान से सुपारे को थोड़ी देर चाटोफिर पूरी जुबान को अपने निचले होंठ को दबाते हुए बाहर करो और ज्यादा से ज्यादा अपना मुँह खोलोफिर लण्ड को अपने मुँह के अन्दर लोतो पूरा का पूरा लण्ड तुम्हरे मुँह मे आसानी से चला जायेगा। शुरू में थोड़ा जायेगा लेकिन जब तुम दो-चार बार करोगी तो पूरा लण्ड अपने मुँह में ले सकोगी तब तुम्हें मजा आयेगा।
वो बोली- मैं कोशिश करती हूँ !
और जैसा मैंने उसको बतायावैसे ही मेरे लण्ड को चूसने लगी। कोई पांच मिनट में ही उसने मेरा आधा लण्ड अपने मुँह के अन्दर ले कर सर को आगे पीछे करने लगी। मेरा लण्ड तो और कड़क हो गयामैं भी धीरे-धीरे उसके मुँह को खड़े-खड़े चोदने लगा और झुक कर उसकी चूची दबाने लगा और घुन्डी को उंगलियों से मीसने लगा।
थोड़ी ही देर में वो मस्त होने लगी और अपने एक हाथ से बुर को सहलाने लगी। मैं समझ गया कि वो अब पूरी तरह गर्म हो चुकी है क्योंकि वह मस्त हो कर लण्ड को चूसे जा रही थी। फिर मैंने उसका सर पकड़ा और उसके मुँह को कायदे से चोदने लगा। बीच-बीच में वो अपने मुँह से पूरा लण्ड बाहर निकाल कर लम्बी सांस ले लेती थी और फिर मैं मुँह को चोदने लगता।
फिर वो अपने घुटने के बल मेरे लण्ड के सामने बैठ गईउसने मेरे लण्ड को एक हाथ से हलके से पकड़ा।
मैंने उससे कहा- जरा ताकत लगा कर पकड़ो इसे ! और ऊपर नीचे करो ! यही सब कुछ है।
वो धीरे-धीरे मुठ मारने लगी।
फिर मैंने कहा- त्वचा को थोड़ा और पीछे करो तो पूरा सुपारा बाहर निकल आएगा।
उसने वैसा ही किया और मेरा पूरा सुपारा बाहर आ गयाजिसको देखते ही वो बोली- यह तो पूरा ही गुलाबी हैआपका लण्ड तो काफी सांवला है और सुपारा गुलाबी ! यह तो गजब का कॉम्बीनेशन हैआई जस्ट लव इट।
मैंने कहा- तुमको पसन्द है 
?
उसने अपना मुँह ऊपर करके बड़ी-आँखों से देखा और सर हिला कर बोली- हाँ !
मैंने कहा- अब इसे चूसो।
तो उसने झिझकते हुए आधे सुपारे को मुँह में लिया और अपनी जुबान उसके अग्र भाग पर फिराने लगी। मैंने लण्ड को थोड़ा सा उसके मुँह में अचानक घुसेड़ दिया। उसके मुँह से ओह्ह्ह की आवाज आई।
उसने कहा- बदमाशी मत करियेनहीं तो उल्टी आ जाएगी।
मैंने कहा- ठीक हैतुम आराम सेलेकिन कस कर चूसो।
तो उसने थोड़ी और हिम्मत दिखाई और पूरा सुपारा मुँह में ले लिया और अपने सिर को आगे पीछे करने लगी।
थोड़ी देर तक तो वो अपने तरीके से मेरे लण्ड को चूसती रहीफिर मैंने कहा- रुको ! मैं तुमको सही लण्ड चूसने का तरीका बताता हूँ।
वो बोली- हाँ बताइये !
मैंने कहा- पहले अपनी जुबान से सुपारे को थोड़ी देर चाटोफिर पूरी जुबान को अपने निचले होंठ को दबाते हुए बाहर करो और ज्यादा से ज्यादा अपना मुँह खोलोफिर लण्ड को अपने मुँह के अन्दर लोतो पूरा का पूरा लण्ड तुम्हरे मुँह मे आसानी से चला जायेगा। शुरू में थोड़ा जायेगा लेकिन जब तुम दो-चार बार करोगी तो पूरा लण्ड अपने मुँह में ले सकोगी तब तुम्हें मजा आयेगा।
वो बोली- मैं कोशिश करती हूँ !
और जैसा मैंने उसको बतायावैसे ही मेरे लण्ड को चूसने लगी। कोई पांच मिनट में ही उसने मेरा आधा लण्ड अपने मुँह के अन्दर ले कर सर को आगे पीछे करने लगी। मेरा लण्ड तो और कड़क हो गयामैं भी धीरे-धीरे उसके मुँह को खड़े-खड़े चोदने लगा और झुक कर उसकी चूची दबाने लगा और घुन्डी को उंगलियों से मीसने लगा।
थोड़ी ही देर में वो मस्त होने लगी और अपने एक हाथ से बुर को सहलाने लगी। मैं समझ गया कि वो अब पूरी तरह गर्म हो चुकी है क्योंकि वह मस्त हो कर लण्ड को चूसे जा रही थी। फिर मैंने उसका सर पकड़ा और उसके मुँह को कायदे से चोदने लगा। बीच-बीच में वो अपने मुँह से पूरा लण्ड बाहर निकाल कर लम्बी सांस ले लेती थी और फिर मैं मुँह को चोदने लगता।
यह कार्यक्रम लगभग 15 मिनट चला। फिर मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने सोचा कि अपना लण्ड उसके मुँह से निकाल लूँ और बाहर ही झड़ जाऊँ,क्योंकि किरण पहली बार लण्ड चूस रही थीपता नहीं उसको वीर्य का स्वाद कैसा लगे। लेकिन फिर मैंने सोचा कि उसको कोई विकल्प न दूँ तो ज्यादा ठीक रहेगाजो होगा वो देखा जाएगा।
यही सोच कर मैं उसके मुँह को और तेजी के साथ चोदने लगा और 5-6 धक्कों के बाद जब मेरा माल निकलने को हुआ तो मैं एकदम से रुक गया और अपना लण्ड किरण के मुँह में ही रहने दिया और सारा वीर्य उसके मुँह में निकालने लगा। पहले तो किरण की समझ में कुछ नहीं आया। लेकिन जैसे ही वीर्य उसकी जुबान पर लगा वैसे ही उसने मेरा लण्ड अपने मुँह से निकाल दिया और जो वीर्य उसके मुँह में था उसको उसने बगल में थूक दिया और फिर मेरे लण्ड से निकलते हुए वीर्य को बड़े ध्यान से देखते हुए बोली- आप ने बताया नहीं कि आप डिस्चार्ज होने वाले हैं !
मैंने कहा- सॉरी यारगलती हो गई।
फिर मैंने उससे पूछा- वीर्य का स्वाद कैसा है
?
वो बोली- कुछ नमकीन साअजीब सा है।

मैंने पूछा- बहुत खराब तो नहीं है
?
उसने कहा- नहींठीक है ! पहली बार चखा है ना इसलिए थोड़ा अट्पटा सा लग रहा है।

तो मैंने कहा- जो मेरे लण्ड पर वीर्य लगा है उसे तुम चाट जाओ।
वो बोली- नहीं !
मैंने फिर जोर दिया तो मान गई और मेरे लण्ड को चूसने लगी और जितना भी वीर्य लगा था वो भी चाट गई।
फिर मैंने उसे पीठ के बल बिस्तर के किनारे लिटा दिया और खुद घुटनों के बल उसके टांगों के बीच फर्श पर बैठ गया फिर उसके पैर घुटनों से मोड़ कर फैलाये और अपनी जुबान बुर पर फिराई।
यकायक मुझे बंगलोर वाली दोस्त की सलाह याद आईउसने कहा था कि अगर वो कुंवारी हो तो प्लेन कन्डोम प्रयोग करना और पहले उसकी बुर को उंगली से चोद कर अच्छी तरह तैयार करनाफिर बगैर रुके काफी देर तक चुदाई करना।
यही सोच कर मैं बुर की फाकों को फैला कर दाने को चाटने लगा और एक उंगली उसके बुर में घुसेड़ कर आगे-पीछे करने लगा। उसकी बुर पहले से ही बहुत गीली थी तो उंगली जाने में कोई परेशानी नहीं हुई। वो बुर चुसाई और उंगली चुदाई का आँख बन्द करके मजा ले रही थी। उसके दोनों हाथ अपनी चूचियों को सहला रहे थे।
फिर मैं उसकी बुर को दो उंगलियों से चोदने लगा और अंगूठे से बुर के दाने को रगड़ने लगा। इससे उसकी बुर से चिकना गाढ़ा पदार्थ निकलने लगा और बह कर उसके गाण्ड के छेद से होता हुआ नीचे बिछी चार पर टपकने लगा। फिर मैंने अपने दूसरे हाथ की एक उंगली को बुर-रस से सराबोर किया और उसके गाण्ड में धीरे से खोंस दिया और अन्दर-बाहर करने लगा।
उसने अपनी गाण्ड थोड़ी सी ऊपर उचकाई और बोझिल आवाज में धीरे से कहा- मुन्ना प्लीज़ ! बदमाशी मत करो।
मैंने कहा- बस डार्लिंग एक मिनट।
कोई एक मिनट बाद मैंने अचानक अपनी चारों उन्गलियों को उसके बुर में घुसड़ दिया और अन्दर बाहर करने लगा। वो एकदम से अपने एक कोहनी के बल उठ बैठी और दूसरे हाथ से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- मुन्ना प्लीज़ ! दर्द कर रहा हैछोड़ दीजिए प्लीज़ !
लेकिन मैं उसकी बुर और गाण्ड दोनो को ही अपनी उन्गलियों से चोदता रहा और बोला- बस डार्लिंग थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो। फिर तो मजा ही मजा है।
इस पर वो आआआह्ह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह करते फिर लेट गई। मैं करीब 5मिनट तक इसी तरह उसको चोदता रहावो आआआह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह्ह्ह करती रहीफिर गाण्ड को थोड़ा ऊपर उठाते हुए उसने झटके से मेरे दोनों हाथ अपनी बुर और गाण्ड से निकाल दियाऔर फिर उसका पेट एक दो बार फड़का और उसने जोर से कहा- आआआह्ह्ह्ह्ह फिर उसकी बुर से एक जबरदस्त फव्वारा फूट पड़ा। जिससे मेरा पूरा का पूरा चेहरा ही भीग गया और फिर उसने एक हाथ से अपनी बुर को जल्दी जल्दी रगड़ने लगी और एक बार फिर उसके मुँह से निकला- आआआह्ह्ह्ह्ह और इस बार उसकी बुर से हल्का सा फव्वारा फूटा फिर निढाल हो कर हांफते हुए करवट ले ली।
किरण तो परम आन्न्द प्राप्त कर निढाल सी लेट गई थीइधर मेरा लण्ड थोड़ा मुर्झाया सा लटक रहा था जैसे किसी बच्चे को बिना वजह डांटा गया हो और वो गर्दन झुकाए खड़ा हो।
मैंने किरण से अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा- देखो इसे ! कितना उदास है !
फिर मैंने अपने लण्ड से कहा- अरे मेरे पप्पू ! क्यों उदास होअभी तुम्हारा नम्बर आता है ना !
इस पर किरण मुस्करा दी। फिर बुर-रस से भिगा मेरा चेहरा और हेयरलेस-सीना लिए मैं बिस्तर पर चढ़ा और किरण को सीधा किया। फिर उसके ऊपर ही लेट गया और चूमने लगा और कहा- अपने बुर-रस को चाट कर मेरा चेहरा तो साफ करो।
वो कुछ नहीं बोली लेकिन मुस्कराई। फिर उसने मुझे नीचे किया और खुद मेरे ऊपर आ गई। मेरे लण्ड के ऊपर उसकी बुर थी उसकी बड़ी-चूचियाँ मेरे गीले सीने से चिपक गईं। फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ा और अपनी जुबान से मेरा माथा चूमा और चाटना शुरू किया। फिर धीरे धीरे उसने मेरे गाल चाटे और फिर मेरे होठों को चूसा। फिर सीने को चूसते चाटते मेरे लण्ड तक सरकते हुए पहुँच गई। फिर उसने मेरे लण्ड को पकड़ा और सुपारे को मुँह में ले कर चूसने लगी। इस बार वो किसी एक्सपर्ट की तरह चूस रही थी फिर धीरे से घूम कर 69 की पोजीशन में आ गई।
अब मेरा लण्ड पूरी तरह खड़ा होने लगा। इधर मैं उसकी बुर को फिर से चूसने लगा। उसकी बुर अभी तक गीली थी उसका स्वाद बहुत अच्छा था। करीब 10मिनट तक हम लोग चूसा-चासी करते रहे। अब मेरा लण्ड किरण को चोदने के लिए बिलकुल कड़क हो चुका थामैंने किरण से कहा- मेरी पैन्ट में एक कन्डोम रखा है उसे निकालो !
किरण उठी और मेरी जीन्स के पॉकेट में हाथ डाला और दो पैकेट निकालेवो बोली- इसमें तो दो हैं !
मैंने कहा- हाँ ! एक डॉटेड है और दूसरा प्लेन !
वो बोली- ये दो किस्म के क्यों लाए आप
?
मैंने कहा- इसलिए लाया कि अगर तुम पहले से चुदी होती तो मैं डॉटेड वाला प्रयोग करता। लेकिन तुम पहली बार चुदने जा रही हो इसलिये प्लेन वाला इस्तेमाल करुंगा।

वो दोनों कन्डोम ले कर आ गई। फिर मैंने उससे कहा- ये वाला कन्डोम मेरे लण्ड पर चढ़ाओ।
उसने कन्डोम चढ़ाया।
फिर मैं उठा और उसको चित्त लिटा कर उसकी गाण्ड को बेड के किनारे तक घसीटा और उसके नीचे अपना रुमाल बिछा दिया और मैं खुद उसके पैरों के पास बेड के किनारे खड़ा हो गया। फिर मैंने उसके दोनों घुटने ऊपर मोड़े और उनके बीच में अपने दोनों हाथ डाल कर उसके ऊपर झुक गया। अब मेरा लण्ड ठीक उसके बुर के सामने ठुनका मार रहा था और उसकी बुर में घुसने के लिए तैयार था। फिर मैंने लण्ड के सुपाड़े को बुर के मुहाने पर रखा और अन्दर ठेल दिया।
अभी सिर्फ सुपारा ही घुसा था कि उसका मुँह दर्द के मारे लाल हो गयाउसके मुँह से- उई माँ ! की आवाज निकली और फिर बोली- मुन्ना बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- पहली चुदाई में थोड़ा दर्द होता ही है ! और वो तुमको सहना पड़ेगा। बाद में तो मौज ही मौज रहेगी।
यह सुन कर वो शान्त हो गई। फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड उसकी बुर में घुस गया। वो दर्द से ऐंठने लगी और अपने हाथों से बिस्तर की चादर कस कर पकड़ लिया। लेकिन मैं रुका नहीं और लण्ड को थोड़ा बाहर निकाल कर फिर से तगड़ा धक्का मारा और मेरा इन्च का लौड़ा पूरा ही उसके बुर में घुस गया।
वो एकदम से चीख पड़ी और छटपटाने लगी। मैं रुका नहीं और उसे लगातार चोदने लगा। करीब 10-15 धक्कों के बाद उसके चेहरे से दर्द के भाव गायब हो गये और अपने दोनो हाथों से चूची सहलाने लगी और आँख बन्द करके अपना चेहरा एक तरफ कर लिया।
उसके मुँह से आह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह की आवाज निकलने लगी।
इधर मैं धक्के पे धक्के लगाये जा रहा था कि अचानक मेरी निगाह उसकी गाण्ड के नीचे बिछे रुमाल पर पड़ीजो कि खून से लथपथ हो गया था। लेकिन मैं रुका नहीं और उसे लगातार चोदे जा रहा था। उसको अब बहुत मजा आ रहा थाउसके चेहरे के भाव से लग रह था कि वो स्वर्गिक आनन्द उठा रही है।
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मुझे लगा कि उसका पेट तेजी से फड़कने लगा और उसके मुँह से आह्ह्ह्ह्ह की आवाज निकली और खुद पीछे खिसक गई जिससे मेरा लण्ड उसकी बुर से बाहर आ गया और फिर उसकी बुर फव्वारे के साथ झड़ने लगी और वो खुद ऐंठने लगी।
मैंने तुरन्त अपने लौड़े से कन्डोम हटाया और कूद कर उसके सीने पर बैठ गया और उसका सिर ऊपर उठा कर अपना लण्ड उसके मुँह में खोंस दिया और किरण से बोला- इसको जल्दी-जल्दी चूसो।
वो चूसने लगी। फिर मैंने बगल में पड़े दोनों तकियों को उसके सर के नीचे लगा दिया और उसके मुँह को चोदने लगा। 8-10 धक्कों के बाद मैं भी उसके मुँह में ही झड़ने लगा। उसने अपना मुँह हटाने की कोशिश की लेकिन वो हटा नहीं पाई क्योंकि मैं उसके सिर को कस कर पकड़े हुए था।
मैंने उससे कहा- तुम इसे गटक जाओ !
खैर वो मान गई और आराम से पूरा वीर्य पी लिया। मैंने अपना लण्ड उसके मुँह से निकालाउसने मेरे लण्ड की तरफ देखा और सर उठा कर दो-तीन बार सुपाड़े को जुबान से चाटा। मैं उसके ऊपर से उठा और उसके बगल में लेट गया और उसकी चूची सोहराते हुए मैने उससे पूछा- मजा आया
?
उसने अपने होठों पर जबान फेरी और मुस्कराते हुए कहा- बहुत मजा आया ! मुझे तो पता ही नहीं था कि चुदाई में इतना मजा आता है ! आज मुझे सबसे ज्यादा मजा उसमें आया जब आप मेरी बुर चूस रहे थे और आपका वीर्य भी मजेदार है।

फिर मैंने हसते हुए कहा- चलो एक दौर और हो जाए।
तो वो बोली- नहीं ! अब मैं बहुत थक चुकी हूँआप मुम्बई से लौट आइयेफिर करते हैं।
मैंने कहा- ओ के माई हाईनेस।
वो हंसने लगी और उठ कर बैठ गईउसकी निगाह गाण्ड के नीचे बिछा रुमाल पर पड़ी तो वो जोर से बोली- ओह माई गॉड ! इसमें इतना खून कहाँ से आयायह रुमाल आपने बिछाया था।
मैंने कहा- हाँ इसीलिए नीचे डाला था ताकि तुम्हारी बुर से जो खून निकले वो चादर पर न लगे- इसको तुम बाहर फेंक देना।
वो बोली- तभी मैं सोच रही थी कि इताना दर्द क्यों हो रहा है !
फिर उसने अपनी बुर की तरफ देखा और हाथ लगा कर बुर का जायजा लिया और एक उंगली अन्दर डाली और मुझसे बोली- इसका तो छेद बड़ा हो गया है मुन्ना !
मैंने कहा- हाँ ! अब तुम्हारी बुर चुदने के बाद चूत बन गई है और जब तुमको बच्चा होगा तो तुम्हारी चूत भोसड़ा कहलाएगी।
वो बोली- अच्छा ऐसे नाम पड़ता है क्या
?
मैंने कहा- हाँ !

फिर उसने खून से भीगा रुमाल उठाया और बिस्तर से उठीलेकिन फिर बैठ गईबोली- मुन्ना ! बहुत दर्द हो रहा है !
मैंने कहा- तुम ऐसा करोथोड़ी देर लेटी रहो और आराम करोफिर तुम बाथरूम जाना और अपनी चूत को गरम पानी से थोड़ा सेक लेना। दर्द गायब हो जाएगा।
वो बोली- ठीक है !
फिर मैं उठाअपने कपड़े पहनेउसको मॉन्ट ब्लैन्क पेन दिया और कहा- तुम इसी से अपना इम्तिहान देना। यू विल बी डेफ्नेटली सेलेक्टेड्।
वो बिस्तर पर बैठे ही बोली- थैन्क्स्।
मैंने कहा- बस आज के बाद थैन्क्स शब्द का इस्तेमाल मत करना। मैं दोस्ती में ऐसे शब्दों का प्रयोग बिल्कुल पसन्द नहीं करता। ओ केबाबा ओके ! वो बोली।
मैंने अपनी घड़ी देखी तो उसमे 1-15 हो चुके थे फिर मैं तुरन्त उसके घर से बाहर आया और अपनी भाभी को फोन कर के कहा- फ्लाइट का समय हो गया है और मैं एयरपोर्ट जा रहा हूँघर की चाभी मैं किरण को दे दूंगा।
फिर मैं अपने घर गयाअटैची और बैग उठायाबाहर आयाघर लॉक किया और वापस किरण के घर चाभी देने गयाकिरण अभी भी बिस्तर पर चादर ओढ़े लेटी थी।
मुझे देखते ही बोली- क्या हुआ मुन्ना
?
यह घर की चाभी रख लोभाभी को दे देना।

वो बोली- रुको मैं दरवाजा बन्द कर लूँ।
वो अभी भी बिल्कुल नंगी ही थी। फिर उसने चादर को लपेटा और मेरे पीछे पीछे आई।
दरवाजा बन्द करने से पहले मैं उसकी तरफ घूमाएक जोरदार चुम्बन लिया और उसकी एक चूची दबा कर कहा- बाय।
वो तेजी से मुस्कराई और बोली- आप बहुत ही बदमाश हैं !
और अपना दरवाजा बन्द कर लिया। वहाँ से निकल कर मैं मुम्बई के लिए निकल पड़ा।